Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2025 · 1 min read

मैं सोचता हूँ

मैं सोचता हूँ
और सोचकर डरता हूँ
डरता हूँ और डरकर लिखता हूँ
लिखता हूँ फिर डरता हूँ
डरना कवि का धर्म नहीं
जानता हूँ और जानकर डरता हूँ
लिखने से डरता हूँ
क्या लिखूँ तेरी आँखों के बारे में
क्या रुखसार है मौसमपसंद
जीवन में आना तेरा
वक्त का ठहरना हो जाय
मगर ठहरने से डरता हूँ
क्या तुम मेरे साथ ठहर पाओगी
ये होंठ जो कुमुद के पल्लव जैसे हैं
जो खिलने और खुलने से ज्यादा
संकुचित होने पर पसंद हैं मुझको
मेरे साथ इनको लोच देकर
मुकुराओगी साथ – साथ
एक सा
और सहसा ठिठक जाता हूँ
घबराकर , गश खाकर गिर
जाना चाहता हूँ
कि मेरे इरादा को बेइरादा
तुमने एक्सेप्ट कर भी लिया तो
फायदा क्या है इसका।
यही कि मेरी उम्मीदें तुमसे
यकायक बढ़ जाएँगी और
अनायास अल्फाजों में आ जाएगी
तब्दिलियाँ और इक दिन
बेवक्त मैं बेखबर सा होऊँगा कहीं
खुशनुमा रंग से तुम पर गजलें गढ़ता
और तुम कहोगी आकर
सुनो मेरे शायर
अब मैं इस रिश्ते को करती हूँ
यहीं खत्म लगभग
मैं एक स्त्री हूँ
न कि फकत जिस्म या
केवल औरत
मैं रोकूंगा तुम्हें
मगर क्या मैं तुम्हें रोक पाऊँगा
समझाने और समस्या समझने की
अनथक कोशिश करूंगा
मगर समझ पाऊँगा क्या
शायद , ऐसा नहीं होगा
होगा तो क्या होगा ।
क्या होगा सोचता हूँ
और डरता हूँ।
डरता हूँ और डरकर लिखता हूँ
लिखता हूँ फिर डरता हूँ
डरना कवि का धर्म नहीं
जानता हूँ और जानकर डरता हूँ

75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
sp50 तुम मुझे भूल भी जाओ
sp50 तुम मुझे भूल भी जाओ
Manoj Shrivastava
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
किताब
किताब
Ghanshyam Poddar
बहुत हलचल है दिल में अनकही सी....
बहुत हलचल है दिल में अनकही सी....
ruchi sharma
শিবের কবিতা
শিবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
लायर विग
लायर विग
AJAY AMITABH SUMAN
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
Keshav kishor Kumar
रातें सारी तकते बीतीं
रातें सारी तकते बीतीं
Suryakant Dwivedi
3696.💐 *पूर्णिका* 💐
3696.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
📚पुस्तक📚
📚पुस्तक📚
Dr. Vaishali Verma
फूल का मुस्तक़बिल
फूल का मुस्तक़बिल
Vivek Pandey
जब जब याद किया वो तेरी call वाली बात तब तब मैं दिल को सुकून
जब जब याद किया वो तेरी call वाली बात तब तब मैं दिल को सुकून
Iamalpu9492
नर्क भोगने के लिए पाप करना ही जरूरी नहीं हैं, अगर आप एक शिक्
नर्क भोगने के लिए पाप करना ही जरूरी नहीं हैं, अगर आप एक शिक्
पूर्वार्थ
जीभ/जिह्वा
जीभ/जिह्वा
लक्ष्मी सिंह
हमको मोहब्बत लगने लगी
हमको मोहब्बत लगने लगी
Jyoti Roshni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
अवध किशोर 'अवधू'
गालगागा गालगागा गालगागा
गालगागा गालगागा गालगागा
Neelam Sharma
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
मनोज कर्ण
दिव्यास्त्र से कम हैं क्या
दिव्यास्त्र से कम हैं क्या
ललकार भारद्वाज
..
..
*प्रणय प्रभात*
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ यादें याद रखना
कुछ यादें याद रखना
हिमांशु Kulshrestha
बदलता चेहरा
बदलता चेहरा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
Ravi Prakash
संवेदनशील हुए बिना
संवेदनशील हुए बिना
Shweta Soni
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
जब तेरी याद बहुत आती है,
जब तेरी याद बहुत आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Cold And Blanket
Cold And Blanket
Buddha Prakash
Loading...