Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2025 · 1 min read

बलिदानी गोविन्द सिंह की कहानी

#दिनांक:-6/1/2025
#विधा:- छंदमुक्त
#शीर्षक:-बलिदानी गोविन्द सिंह की कहानी

देशभक्ति का खून रग-रग में दौड रहा था,
स्वाभिमान से दुश्मनों को वह तोड रहा था।
देश खातिर साहसी सर झुकाते रहे गुरूवर,
तलवार धर्म पर बलिदान हेतु मोड़ रहा था।

राष्ट्रभक्त, धर्मनिष्ठ, त्यागी वीर गुरु गोविन्द,
धन्य गुजरी माता, पिता तेगबहादुर और हिन्द।
खालसा पंथ निर्माण कर सिक्ख किया एकजुट,
बचपन से कुशल कवि दार्शनिकता दौड रहा था।

बलिदानी गोबिंद सिंह की कहानी प्रेरणा देती,
योद्धा संत सिपाही दसवे गुरु रुप जन्म लेते।
संतान ईश्वर के, ईश्वर के सच्चे भक्त प्रेमी रहे,
मानवता रक्षा हेतु आंक्राताओं से लोहा ले रहा था।

(स्वरचित, मौलिक और सर्वाधिकार सुरक्षित है)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
2 Likes · 132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हम सभी
हम सभी
Neeraj Kumar Agarwal
4609.*पूर्णिका*
4609.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निःशब्दता हीं, जीवन का सार होता है......
निःशब्दता हीं, जीवन का सार होता है......
Manisha Manjari
हमारे राम
हमारे राम
Ram kishor Pathak
ये मुफ़्लिसी भी
ये मुफ़्लिसी भी
Dr. Kishan Karigar
तेरी यादें भुलाने का इक तरीका बड़ा पुराना है,
तेरी यादें भुलाने का इक तरीका बड़ा पुराना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा-
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा- "जानते हो, मेरा बैंक कौन है...?"
*प्रणय प्रभात*
रंग भरी होली आई।
रंग भरी होली आई।
shashisingh7232
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
©️ दामिनी नारायण सिंह
मा ममता का सागर
मा ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
इतने भी नासमझ ना समझो हमको
इतने भी नासमझ ना समझो हमको
VINOD CHAUHAN
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
"ठूंस ठूंसकर घूस खाने के बाद भी,
पूर्वार्थ
कण कण में है श्रीराम
कण कण में है श्रीराम
Santosh kumar Miri
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
अश्विनी (विप्र)
आशा
आशा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"साभिमान"
Dr. Kishan tandon kranti
#रिश्ते #
#रिश्ते #
rubichetanshukla 781
किसान
किसान
Aman Kumar Holy
स्वच्छता गीत
स्वच्छता गीत
Anil Kumar Mishra
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
मैं चंद्रमा को सूर्योदय से पूर्व सूर्यास्त के बाद  देखता हूं
मैं चंद्रमा को सूर्योदय से पूर्व सूर्यास्त के बाद देखता हूं
SATPAL CHAUHAN
चुनौति हमेशा बड़ा लेना चाहिए,
चुनौति हमेशा बड़ा लेना चाहिए,
Ranjeet kumar patre
धरती
धरती
manjula chauhan
2122 1122 1122 22
2122 1122 1122 22
sushil yadav
शीर्षक -ओ मन मोहन
शीर्षक -ओ मन मोहन
Sushma Singh
हर लफ्ज़ मे मोहब्बत
हर लफ्ज़ मे मोहब्बत
Surinder blackpen
केवल परिवर्तन का मार्ग ही हमें आनंद और पूर्णता की ओर ले जाएग
केवल परिवर्तन का मार्ग ही हमें आनंद और पूर्णता की ओर ले जाएग
Ravikesh Jha
वंदना
वंदना
Parvat Singh Rajput
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
Loading...