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6 Jan 2025 · 1 min read

वक्त की रेत पर

वक्त की रेत पर चल सको तो चलो
चिह्न कदमों के अपने बनाते चलो
कर रही हैं खिलाफत हवाएं अगर
उन हवाओं का रुख भी बदलते चलो
वक्त की रेत पर चल सको तो चलो।
चिह्न कदमों के अपने बनाते चलो।।

जो बुझी है शमां फिर से जल जाएगी
कश्ती तूफानों में भी निकल जाएगी
तुम चलो तो सही कर्म पथ पर जरा
फूटी किस्मत तुम्हारी संवर जाएगी।
फूल बंजर में भी तुम खिलाते चलो
चिह्न कदमों के अपने बनाते चलो
वक्त की रेत पर चल सको तो चलो….

एक तमन्ना दिल में बसा लीजिए
अपनी आंखों से पर्दा हटा लीजिए
शौक पूरे हमारे जो करते सदा
ऐसे मां बाप से ना दगा कीजिए
उनके सपनों को दिल में बसाते चलो
चिह्न कदमों के अपने बनाते चलो
वक्त की रेत पर चल सको तो चलो

~ करन केसरा ~

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