Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2025 · 1 min read

You learn when to read between the lines of true friendship

You learn when to read between the lines of true friendship and friendship that’s conditional, try separating the two, because one can be so precious and another can be so heartbreaking. You’ll know the difference when those who stick around and those who only show up when you’re a last option.

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" तेरे बगैर "
Dr. Kishan tandon kranti
आता है संसार में,
आता है संसार में,
sushil sarna
हाय रे गर्मी
हाय रे गर्मी
अनिल "आदर्श"
जल्दी आओ राम सिया रो रही
जल्दी आओ राम सिया रो रही
Baldev Chauhan
दिल में भी
दिल में भी
Dr fauzia Naseem shad
एक ग़ज़ल :-रूबरू खुद से हो जाए
एक ग़ज़ल :-रूबरू खुद से हो जाए
मनोज कर्ण
खेल था नसीब का,
खेल था नसीब का,
लक्ष्मी सिंह
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने हक की धूप
अपने हक की धूप
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
शैव्या की सुनो पुकार🙏
शैव्या की सुनो पुकार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Middle class
Middle class
Deepali Kalra
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
Dr. Man Mohan Krishna
आज की पीढ़ी
आज की पीढ़ी
अवध किशोर 'अवधू'
हंसते-हंसाते
हंसते-हंसाते
ललकार भारद्वाज
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नींद
नींद
goutam shaw
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
अब न रूप न रंग
अब न रूप न रंग
Suryakant Dwivedi
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
अंसार एटवी
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
गीत- मिला कोई अदाओं से...
गीत- मिला कोई अदाओं से...
आर.एस. 'प्रीतम'
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*प्रणय*
Achieving Success
Achieving Success
Deep Shikha
क्या  होता  है  नजराना  तुम क्या जानो।
क्या होता है नजराना तुम क्या जानो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मत कहना ...
मत कहना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
एक   राखी   स्वयं के  लिए
एक राखी स्वयं के लिए
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
Loading...