थाने में गड़बडी़
थाना सब आराम में था, और जनता परेशान बनी।
अपराध बढे़ बेइंताह, अपराध अपराधी की शान बनी।
बिन रिश्वत कोई काम न बनता, चर्चा- ए- खासो आम बनी।
बद अपनी बदकार की बातें ,उच्च श्रेणी तक जा पहुचीं।
सन्नाटा छा गया जिले में, बैठे अधिकारी ये सोचीं।
बदनामी हुई बडी पुलिस की, प्रशासन की इज्जत नोचीं।
क्रोध भरा मन में अति भारी, डी० एम० एस० पी० भांप गये।
भेष बदलकर पैदल चलकर , थाने में पद चाप गये।
प्रहरी को दे नज़राना , थाने में चुप चाप गये।
कुर्सी पर सोता मिला दरोगा, टांग मेज पर तानी थी।
कौन कहां से तुम आये हो, कैसे आने की ठानी थी।
गाडी़ चोरी हुई हमारी ,हमने रपट लिखानी थी।
रस्म निभाओ पहले थाने की, फिर रिपोर्ट की बात करें।
भाग जाओ वरना घर अपने, यहां न छोटी बात करें।
पहले भेंट चढाकर हम भी ,फिर अच्छे थाने की चाहत करे।
क्रोध उतर आया आंखो में, डांटा और फटकार दिया डी०एम० एस ०पी० हैं हम दोनो, हमें नहीं सत्कार किया।
पूरा थाना किया निलम्बित, अमला दूजा बैठकर दिया।
डाल हथकड़ी भर ली गाडी़, लेजा जेल में डार दिया।
मसला फतेहपुर यू०पी० का है , यूट्यूब ने प्रचार किया।
छाई खुशी वाह-वाह पूरी, जनता ने आभार किया।
मंगू ने कुछ शब्द संजोकर, आपके समक्ष पसार दिया।