Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2025 · 1 min read

“चांद तन्हा ही रहा”

चांद तन्हा ही रहा,
सफर करता रहा।
मंजिल मिली नहीं कभी,
फिर भी चलता ही रहा।
चांद तन्हा ही रहा।

सूरज से मिली जलन,
कभी दिखाता नहीं।
अपने शीतल किरन,
जग को देता ही रहा।
चांद तन्हा ही रहा।

टूट कर जब सिमटने लगा,
खुद को बिखरने से रोकने लगा।
अमावस से निकल आंसुओं को मिटा,
पूनम की छटा बिखेरने लगा।
चांद तन्हा ही रहा।।
©® डा०निधि श्रीवास्तव “सरोद”

1 Like · 1 Comment · 81 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Arvina
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विभिन्न संप्रदायों, मजहबों और मतों की स्थापना की सच्चाई (The truth behind the establishment of various sects, religions and beliefs)
विभिन्न संप्रदायों, मजहबों और मतों की स्थापना की सच्चाई (The truth behind the establishment of various sects, religions and beliefs)
Acharya Shilak Ram
मैं लिखता हूँ कुछ सीखता हूँ,
मैं लिखता हूँ कुछ सीखता हूँ,
DrLakshman Jha Parimal
उम्मीद
उम्मीद
Ruchi Sharma
रात अभी अलसाई है,  जरा ठहरो।
रात अभी अलसाई है, जरा ठहरो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले
कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले
Er.Navaneet R Shandily
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
VINOD CHAUHAN
मालूम नहीँ
मालूम नहीँ
Rambali Mishra
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
😊कृपया ध्यान (मत) दीजिए😊
😊कृपया ध्यान (मत) दीजिए😊
*प्रणय प्रभात*
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
*फिर से बने विश्व गुरु भारत, ऐसा हिंदुस्तान हो (गीत)*
*फिर से बने विश्व गुरु भारत, ऐसा हिंदुस्तान हो (गीत)*
Ravi Prakash
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
मां - हरवंश हृदय
मां - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कभी कभी युही मुस्कुराया करो,
कभी कभी युही मुस्कुराया करो,
Manisha Wandhare
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ हल्का हो लें
कुछ हल्का हो लें
Jyoti Roshni
गांधी लाल बहादुर शास्त्री हमरा देश के दुगो शनवा।
गांधी लाल बहादुर शास्त्री हमरा देश के दुगो शनवा।
Rj Anand Prajapati
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
gurudeenverma198
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
अगर यह सब ना होते।
अगर यह सब ना होते।
shashisingh7232
धागा
धागा
sheema anmol
शायद तुम ना जान सकी
शायद तुम ना जान सकी
ललकार भारद्वाज
Loading...