आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
सौहार्द शिरोमणि संत डा सौरभ पाण्डेय के विचार
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
"तस्वीरों पर भरोसा मत कीजिए ll
कह दो हँसकर अलविदा तुम(अलविदा 2024)
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
प्रेम का परिचय शादी होती, तो रुक्मणी की जगह राधा होती, सच्चे
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कबतक यूँही सोते रहेगे और कबतक यूँही खोते रहेगे, कबतक यूँही ब
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर