विगत दिवस जो रंग थे जीवन के अब दाग हो गए
विगत दिवस जो रंग थे जीवन के अब दाग हो गए
बीती रातों में जलते थे कलियां
स्वप्नों की अब बाग हो गए
समय समय की बात है जो पसारते हाथ सामने ..
क्या गजब हुआ !आज देनदार हो गए
विगत दिवस जो रंग थे जीवन के अब दाग हो गए
बीती रातों में जलते थे कलियां
स्वप्नों की अब बाग हो गए
समय समय की बात है जो पसारते हाथ सामने ..
क्या गजब हुआ !आज देनदार हो गए