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31 Dec 2024 · 1 min read

नव वर्ष का स्वागत।

दिसंबर की यह अंतिम शाम
मन में हलचल जगाती है ।
नव वर्ष के स्वागत में यह
अपनी बाहें फैलाती है।

क्या खोया क्या पाया मन में
सबका हिसाब लगाती है।
नए पुराने- रिश्ते सबका
जीवन में स्थान बताती है।

बनावटी दोस्त – झूठे वादे
गलत फैसलों से मुक्ति दिलाती है।
अधूरे ख्वाबों को पूरा करने को
आगे कदम बढ़ाती है ।

नए इरादे कुछ नए वादे खुद से
करने को कदम बढ़ाती है ।
2025 के स्वागत में दिसंबर 2024
अपनी बाहें फैलाती है ।

लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’
खरियार रोड, ओड़िशा।

Language: Hindi
1 Like · 168 Views
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