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30 Dec 2024 · 1 min read

मंजिल

राहें कितनी भी मुश्किल हो
फिर भी मंजिल को पाना है।
हौसलो के चिरागों को जलाकर
आगे बढते जाना है।

रुकावट तो आती है
आएगी ही, पर
हर रुकावट को पार कर
इरादों की गठरी को बांधकर
मंजिल तक पहुंचाना है।
राहें कितनी भी ………….

अंधेरा तो छाता है
छाएगा ही, पर
आशाओं के दीपक जलाकर
नई सुबह की उमंग जगाकर
सपनो को साकार कराना है।
राहें कितनी भी …………..

असफलता तो मिलती है
मिलेगी ही, पर
इरादों को मजबूत बनाकर
दिल में जीत को ठान कर
हर हार को जीत जाना है।
राहें कितनी भी मुश्किल हो
फिर भी मंजिल को पाना है।

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