Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2024 · 1 min read

अमीर होते है वो ऐसे मर्द

अमीर होते है वो ऐसे मर्द
जिनकी औरतों में वफ़ा होती है
खुशनसीब होती है वो औरते
जिनके मर्द ईमानदार होते है।

123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
Shweta Soni
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
"हे! कृष्ण, इस कलि काल में"
आलोक पांडेय
डर
डर
Neeraj Kumar Agarwal
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
Acharya Shilak Ram
हर वो शख्स खुश रहे...
हर वो शख्स खुश रहे...
Ravi Betulwala
हुईं मानवीय संवेदनाएं विनष्ट
हुईं मानवीय संवेदनाएं विनष्ट
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अपना अपना सच
अपना अपना सच
Nitin Kulkarni
हे संगिनी
हे संगिनी
n singh
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
Shashi kala vyas
सर्दी का मौसम
सर्दी का मौसम
Harminder Kaur
प्रेम दोनों तरफ हो,
प्रेम दोनों तरफ हो,
लक्ष्मी सिंह
आया सावन मन भावन
आया सावन मन भावन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जीवन की विफलता
जीवन की विफलता
Dr fauzia Naseem shad
मेरे घर के दरवाजे
मेरे घर के दरवाजे
Minal Aggarwal
2960.*पूर्णिका*
2960.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गांधी वादी सोनम वांगचुक, और आज के परिवेश!
गांधी वादी सोनम वांगचुक, और आज के परिवेश!
Jaikrishan Uniyal
बिल्ली का डर
बिल्ली का डर
अरशद रसूल बदायूंनी
तुम बिन जीने की बात सोचकर ही डर जाती हूं
तुम बिन जीने की बात सोचकर ही डर जाती हूं
Jyoti Roshni
Mahakumbh
Mahakumbh
Mohan Pandey
वन गमन
वन गमन
Shashi Mahajan
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"ग्लैमर"
Dr. Kishan tandon kranti
मसला सिर्फ जुबान का हैं,
मसला सिर्फ जुबान का हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
एकांत ये घना है
एकांत ये घना है
Vivek Pandey
फुटपाथों का बचपन
फुटपाथों का बचपन
श्रीकृष्ण शुक्ल
"आदर्श मनुष्य" (Ideal Person):
Dhananjay Kumar
Loading...