Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2024 · 1 min read

,, डॉ मनमोहन सिंह ,,

सादगी की मूरत, ज्ञान का सागर,
डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के रतन अमूल्य अगर।
शब्दों से नहीं, कर्मों से की उन्होंने बात,
सादगी और सत्य की थी उनकी सौगात।

आर्थिक संकट में जब देश था उलझा,
उनके विचारों ने दिखाया भविष्य का रस्ता।
उदारीकरण का जो दीप उन्होंने जलाया,
भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

न शोर, न दिखावा, न किसी का डर,
हर निर्णय में झलका उनका गहन नजर।
विचारों में शांति, दृष्टि में था उजाला,
ऐसे नेता पर हर दिल ने गर्व से निहारा।

प्रधानमंत्री होकर भी रहे सदा विनम्र,
दुनिया ने माना उनका ज्ञान प्रखर।
शिक्षा, सेवा, और नीति का ऐसा संगम,
डॉ. मनमोहन सिंह बने हर दिल का आचरण।

आज भी उनके आदर्श हमें राह दिखाते,
ईमानदारी और मेहनत का पाठ पढ़ाते।
डॉ. मनमोहन सिंह, आप सदा रहेंगे हमारे,
एक प्रेरणा, एक मिसाल, सच्चे सितारे।

120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*स्वाभिमान से पैर पसारें, वह चादर छोटी अच्छी (मुक्तक)*
*स्वाभिमान से पैर पसारें, वह चादर छोटी अच्छी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दोहा त्रयी. . . शृंगार
दोहा त्रयी. . . शृंगार
sushil sarna
परिणाम से डरो नहीं
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
अनकहा रिश्ता (कविता)
अनकहा रिश्ता (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
अश्विनी (विप्र)
गीत- हवा-सी यार है ये ज़िंदगी...
गीत- हवा-सी यार है ये ज़िंदगी...
आर.एस. 'प्रीतम'
"छिपकली"
Dr. Kishan tandon kranti
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हम कोई खजाना नहीं की लूट जाएंगे,
हम कोई खजाना नहीं की लूट जाएंगे,
जय लगन कुमार हैप्पी
कहीं न कहीं
कहीं न कहीं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
तेरी यादों के भंवर
तेरी यादों के भंवर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मानती हूँ पर्वतों के ऋण बड़े हैं
मानती हूँ पर्वतों के ऋण बड़े हैं
Shweta Soni
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
दिवस पुराने भेजो...
दिवस पुराने भेजो...
Vivek Pandey
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
कुछ पन्ने मेरी जिंदगी के...। पेज न.2000
कुछ पन्ने मेरी जिंदगी के...। पेज न.2000
Priya princess panwar
वगिया है पुरखों की याद🙏
वगिया है पुरखों की याद🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
4606.*पूर्णिका*
4606.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां की ममता
मां की ममता
Shutisha Rajput
*सर्दी*
*सर्दी*
Dushyant Kumar
थोड़ी देर पहले घुसे कीड़े का,
थोड़ी देर पहले घुसे कीड़े का,
Ranjeet kumar patre
मरती इंसानियत
मरती इंसानियत
Sonu sugandh
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
पूर्वार्थ
निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,
निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,
डी. के. निवातिया
*विश्वकप की जीत - भावनाओं की जीत*
*विश्वकप की जीत - भावनाओं की जीत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रोआ के न जइहऽ
रोआ के न जइहऽ
आकाश महेशपुरी
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
हिमांशु Kulshrestha
Loading...