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4 Jul 2016 · 1 min read

*गम को जब से हमदम माना*

गम को जब से हमदम माना
छाया है इक समां सुहाना
माँ शारदे की कृपा बरसी
पाया है अनमोल खज़ाना
धर्मेन्द्र अरोड़ा

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