Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Dec 2024 · 1 min read

" मेरा राज मुझको कभी हारने नहीं देता "

” मेरा राज मुझको कभी हारने नहीं देता ”
दास्तां कैसे समझाऊं मैं मेरी जिंदगानी की
कभी मिला था पतझड़, आज बसंत है यहां
हर मौसम में मेरा हर पल साथ निभा रहा है
मेरा राज मुझे कभी भी उदास होने नहीं देता,
अच्छे बुरे अनगिनत लोग मिलते हैं राहों में
सहायता करता कोई तो कोई आजमाता है
विपरीत चाहे कैसी भी परिस्थिति आन पड़े
मेरा राज मुझे कभी भीड़ में खोने नहीं देता,
हर बात को प्यार से समझा देता है मुझको
जालिम दुनिया की मार का नहीं होता दर्द
सुख मिलता रहे या कोई दुःख घेर ले मुझे
मेरा राज मुझे किसी हाल में रोने नहीं देता,
हर ख्वाहिश मेरी झट पट से पूरी हो जाती है
मेरी जिंदगी में आया है राज मसीहा बनकर
रब मेरे जीवन बरस भी जोड़ दे तेरे जीवन में
तेरे बिना सच में मेरे दिल को चैन नहीं आता।

Loading...