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23 Dec 2024 · 1 min read

"कद्र "

“कद्र ”

” कद्र ” करनी है तो ” जीते जी ” करें ” मरने के बाद तो ” पराए ” भी रो देते हैं ….

आज ” जिस्म ” मे ” जान ” है तो देखते नही हैं..” लोग ” जब ” रुह ” निकल जाएगी तो ” कफन ” हटा हटा कर देखेंगे,

किसी ने क्या खूब लिखा है ” वक़्त” निकालकर … ” बाते ” कर लिया करो “अपनों से ” अगर ” अपने ही ” न रहेंगे तो ” वक़्त ” का क्या करोगे … ”

गुरुर ” किस बात का .. ” साहब ” आज ” मिट्टी के ऊपर तो कल ” मिट्टी के नीचे

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