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23 Dec 2024 · 1 min read

श्रृद्धेय अटल जी - काव्य श्रृद्धा सुमन

वह कर्मवीर संस्कारों की खान ,
मानवता जिसका धर्म ,
राष्ट्र जिसका अभिमान ,
समता , सद्भाव जिसका शील ,
आदर्श जिसकी पहचान ,

समग्र ज्ञान का सागर , प्रज्ञासिद्ध विवेक का पालक ,
प्रतिबद्ध कार्यवाहक , अविचलित संकट निवारक ,

हृदय स्पंदित भावपरिपूर्ण काव्य रचयिता ,
उत्कृष्ट वक्ता , राष्ट्र्नीति निर्माता ,

जन-जन प्रिय अटल जी हमारे सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगें ,
जब-जब हम उनके प्रदत्त प्रज्ञान पथ पर अग्रसर रहेंगे।

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