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18 Dec 2024 · 1 min read

तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।

तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
किसको सुनाएं दास्तां, हाल ए दिल की सांवरे।
दंश दामन में छुपाए, महफिल सजाते रहे।
जख्म पर मलहम लगाएं , मुस्कुराते रहे।

श्याम सांवरे.….

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