इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
हिना (मेहंदी)( फाल्गुन गीत)
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
इश्क़-ए-क़िताब की ये बातें बहुत अज़ीज हैं,
आपका आकाश ही आपका हौसला है
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
Stop use of Polythene-plastic
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,