उसे छुप-छुप के देखा था
उसे
छुप छुप
के देखा था
मैंने
उसे
सासो मे बस्ते
हुए देखा था
मैंने
उसे
हँसते खिलखिलाते
देखा था
मैंने
उसे
परेशानी मे
देखा था
मैंने
उसे
खुशियां मनाते
देखा था
मैंने
उसे
दिल के अन्दर
आते देखा था
मैंने
उसे
दिल चुराते
देखा था
मैंने
उसे
दिल मे बस्ते
हुए देखा था
मैंने
उसे
जिन्दगी बनते हुए
देखा था
मैंने
उसे
जिन्दगी के हर
पहलु मे देखा है।
मैंने
उसे
छुप छुप के
देखा था
मैंने
उसे
अपना बनते
हुए देखा है
मैंने
ललकार भारद्वाज