सम्मान बड़ों का
मान बड़ों का सम्मान बड़ों का,
जगता है स्वाभिमान बड़ों का।
पहचान हमारी सम्मान बड़ों का,
दिखते हैं संस्कार बड़ों के ।।
नाम बड़ों का ये काम बड़ों का,
करवाएं सदा सम्मान बड़ों का ।
संस्कार है देना ये काम बड़ों का,
ज्ञान बड़ों का अज्ञान बड़ों का ।।
करना है बस सम्मान बड़ों का,
सीख हमारी ना भेदभाव की ।
जो सीखलाया वो वापस आया,
याद रखें बस सम्मान बड़ों का ।।
जाती पाती ना भेदभाव हो,
सम्मान सदा बस एक भाव हो ।
सम्मान बड़ों का ये स्वभाव हो,
नहीं किसी से भेदभाव हो ।।
सम्मान बड़ों का पहचान हमारी,
ये हम सब की जिम्मेवारी ।
करा अगर जो सम्मान बड़ों का,
फिर छोटों से सम्मान ही पाओ ।।
जीवन जैसा भी हो अपना,
सम्मान बड़ों का बहुत जरूरी ।
बड़ा अजीब ये काम नहीं है,
संस्कार हमारे दिखलाता है ।।
सम्मान बड़ों का स्वाभिमान बड़ों का,
याद रखो ये नाम बड़ों का ।
पहचान हमारी करवाता है,
सम्मान बड़ों का अभिमान बड़ों का ।।
ललकार भारद्वाज