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14 Dec 2024 · 1 min read

छलावा देखकर दुनिया देखकर

छलावा देखकर दुनिया देखकर
दुनिया का, हम अफसोस क्या करते।
किसी फितरत होती है,
किसी आरज़ू , किसी को धोखा देने की।

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