Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2025 · 1 min read

प्रेम की इंतहा

प्रेम की इंतहा

मेरी जिंदगी मेरा प्यार हो तुम
मेरे जीवन की हर बहार हो तुम

मेरी हर खुशी तेरे दम पर है
मेरे हर ग़म का इलाज हो तुम

तुम्हें देख कर कुछ ऐसा लगे
मेरी आंखों की रोशनी हो तुम

मेरे हृदय में बसी है मूरत तेरी
धड़कते दिल का स्पंदन हो तुम

“मीत” चाहता है तुमको सदा से
प्रेम निश्छल और इंतहा हो तुम

इंजी. संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्य प्रदेश
94258 22488

28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from इंजी. संजय श्रीवास्तव
View all

You may also like these posts

शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
गुलें-ए-चमन
गुलें-ए-चमन
manjula chauhan
आवो करीब तुम यहाँ बैठों
आवो करीब तुम यहाँ बैठों
gurudeenverma198
तुम बिन
तुम बिन
Sudhir srivastava
मैं तो एक मुसाफिर हूँ
मैं तो एक मुसाफिर हूँ
विक्रम सिंह
जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,
जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,
Manisha Manjari
बहू
बहू
Buddha Prakash
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
कुण्डलिया
कुण्डलिया
surenderpal vaidya
आगोश मिले
आगोश मिले
Kunal Kanth
आज यहाँ जो कल न रहेगा
आज यहाँ जो कल न रहेगा
संजय निराला
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
Lokesh Sharma
"बकरी"
Dr. Kishan tandon kranti
आज के युग के आधुनिक विचार
आज के युग के आधुनिक विचार
Ajit Kumar "Karn"
आकांक्षा
आकांक्षा
उमा झा
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
Atul "Krishn"
हर खेल में जीत का आलम नहीं होता
हर खेल में जीत का आलम नहीं होता
दीपक बवेजा सरल
शुभकामना संदेश.....
शुभकामना संदेश.....
Awadhesh Kumar Singh
3207.*पूर्णिका*
3207.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
न छुए जा सके कबीर / मुसाफिर बैठा
न छुए जा सके कबीर / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*कौन-सो रतन बनूँ*
*कौन-सो रतन बनूँ*
Poonam Matia
बातें रूबरू होंगी
बातें रूबरू होंगी
Kamla Prakash
झूठा प्यार।
झूठा प्यार।
Sonit Parjapati
जा तुझे आजाद किया, अब तेरे पीछे नहीं आऊंगा,,
जा तुझे आजाद किया, अब तेरे पीछे नहीं आऊंगा,,
पूर्वार्थ देव
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
Ravi Prakash
मामीजी ।
मामीजी ।
Kanchan Alok Malu
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
Nazir Nazar
कृष्ण प्रेम की परिभाषा हैं, प्रेम जगत का सार कृष्ण हैं।
कृष्ण प्रेम की परिभाषा हैं, प्रेम जगत का सार कृष्ण हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...