Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2024 · 1 min read

गीत

गीत
कह दिया है सभी कुछ तो
क्या लिखूं मैं अब व्यथा
हर व्यथा के सामने है
अनकही मेरी कथा

हाथ में मौली बंधी है
आंख है अपनी ठगी
भाल पर मंगल तिलक है
हाट पर बोली लगी

हर वृथा के सामने है
अनकही मेरी कथा।।
खा रही है जिंदगी को
सांस दीमक की तरह

तेल अपने पी गए सब
एक दीपक की तरह
हर कुशा के सामने है ।
अनकही मेरी कथा।।

गीत, मुक्तक, छंद, गजलें
कोश कविता के गढे
हर विमोचन कह रहा है
पृष्ठ-पृष्ठ चेहरे पढ़े

हर प्रथा के सामने है
अनकही मेरी कथा।।
कह दिया है सभी कुछ तो
क्या लिखूं मैं अब व्यथा।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
Tag: गीत
84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all

You may also like these posts

*चेहरे की मुस्कान*
*चेहरे की मुस्कान*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वो बचपन की बातें
वो बचपन की बातें
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
Heera S
पारले-जी
पारले-जी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बैरागी
बैरागी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
🙅समस्या का मूल🙅
🙅समस्या का मूल🙅
*प्रणय प्रभात*
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
प्रेरणादायक कविता :
प्रेरणादायक कविता :
पूर्वार्थ
ये जिन्दगी तुम्हारी
ये जिन्दगी तुम्हारी
VINOD CHAUHAN
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
DrLakshman Jha Parimal
जय शारदा माँ
जय शारदा माँ
Mahesh Jain 'Jyoti'
अनकहा शेष  ..
अनकहा शेष ..
sushil sarna
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
"गंगा मैया"
Shakuntla Agarwal
There will be days when you will feel not okay. You will fee
There will be days when you will feel not okay. You will fee
पूर्वार्थ देव
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दोहा - ८९
दोहा - ८९
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*सब कर्म हमारे देख रहा, वह नीली छतरी वाला है (राधेश्यामी छंद
*सब कर्म हमारे देख रहा, वह नीली छतरी वाला है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
ಅದು ಯಶಸ್ಸು
ಅದು ಯಶಸ್ಸು
Otteri Selvakumar
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
!! नववर्ष नैवेद्यम !!
!! नववर्ष नैवेद्यम !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मुसम्मम इरादा कीजिए
मुसम्मम इरादा कीजिए
मनोज कर्ण
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आज बहुत उदास है दिल
आज बहुत उदास है दिल
Shekhar Chandra Mitra
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...