Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2024 · 1 min read

मैं जब जब भी प्यार से,लेता उन्हें निहार

मैं जब जब भी प्यार से,लेता उन्हें निहार।
करने लगते देखकर, दर्पण में शृंगार।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जमाना इस कदर खफा  है हमसे,
जमाना इस कदर खफा है हमसे,
Yogendra Chaturwedi
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
कभी लगे  इस ओर है,
कभी लगे इस ओर है,
sushil sarna
7. In Memoriam ( An Elegy )
7. In Memoriam ( An Elegy )
Ahtesham Ahmad
ऐसा कहा जाता है कि
ऐसा कहा जाता है कि
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
মা মনসার গান
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
नया वर्ष हो शुभ मंगलकारी
नया वर्ष हो शुभ मंगलकारी
Vindhya Prakash Mishra
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समन्वय आनन्द पर्व का
समन्वय आनन्द पर्व का
Karuna Bhalla
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
Rj Anand Prajapati
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
तस्वीर!
तस्वीर!
कविता झा ‘गीत’
गुरु गोविंद सिंह जयंती विशेष
गुरु गोविंद सिंह जयंती विशेष
विक्रम कुमार
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
*मन के मीत किधर है*
*मन के मीत किधर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सफर जिंदगी का
सफर जिंदगी का
Sunil Maheshwari
कितनी राहें
कितनी राहें
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
Slok maurya "umang"
“सत्य वचन”
“सत्य वचन”
Sandeep Kumar
4063.💐 *पूर्णिका* 💐
4063.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
bharat gehlot
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
"मौत"
राकेश चौरसिया
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
आज जिंदगी को प्रपोज़ किया और कहा -
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Ab77
दोहा पंचक. . . . जीवन
दोहा पंचक. . . . जीवन
Sushil Sarna
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय माता दी 🙏🚩
जय माता दी 🙏🚩
Neeraj Kumar Agarwal
गांधी न होते यदि कस्तूरबा न होतीं
गांधी न होते यदि कस्तूरबा न होतीं
Ashwani Kumar Jaiswal
Loading...