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7 Dec 2024 · 2 min read

बित्ता-बित्ता पानी

‘बित्ता-बित्ता पानी’ – बाल कविता-गीत संग्रह डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति द्वारा रचित 58 वीं कृति है। कुल 140 पृष्ठ की इस कृति में 111 रचनाएँ संकलित हैं। यह पुस्तक दुनिया के उन तमाम बच्चों को समर्पित है, जो अब भी बाल अधिकारों से वंचित हैं और बहुत संघर्षरत हैं।

बचपन यानी अद्भुत कल्पनाओं से भरा जीवन। मधुर बाल गीत, कविता और कहानी के बिना अधूरा जीवन। साथ ही जीवन का सर्वाधिक तनाव रहित सुनहरा दौर। निःसन्देह बच्चों की तरह जिगर रखना बहुत बड़ी बात है। और, जिसमें यह खासियत होती है, वो गमों में भी मुस्कुरा लेते हैं, दुःखों को हरा सकते हैं और दर्द उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मसलन :

गोलमटोल रसगुल्ला देखो
हँसकर बातें करता,
जो देख ले एक बार उसे
मुँह में पानी भरता।

‘बित्ता-बित्ता पानी’ में जीवन के सभी रंग समाहित हैं। इसका विषय धरती से अनन्त आकाश तक फैला हुआ है। इसमें लोरी, पशु-पक्षियों की बोलियाँ, चाँद-सूरज-सितारे, साँप-सपेरे, बन्दर-भालू, तितली, चिड़िया, परी, पतंग, जादूगर, खिलौने और मिठाइयों से लेकर आसमान में फैले इन्द्रधनुष तक सब कुछ विद्यमान हैं। इसमें कोई ऐसा रंग नहीं जो समाहित ना हों। कविताओं के रंगों और गीतों की स्वर लहरियों से केवल बच्चे ही नहीं भीगेंगे, वरन् सभी पाठक भी सराबोर नजर आएंगे। एक नज़र :

खुशी डुग्गू प्रीति सिद्धू
आओ हम सब झूला झूलें,
धीरे-धीरे पेंग बढ़ाकर
आसमान को हम सब छूलें।

आज दुनिया के बेहतर होने के सपनों का बचा रहना जरूरी है, क्योंकि इससे दुनिया का भविष्य बचा रहेगा। यानी जिस संसार में बच्चों के साथ अच्छा सलूक होगा, उस संसार का वर्तमान भी अच्छा होगा और भविष्य भी, साथ ही साथ कालान्तर में अतीत भी। चन्द पंक्तियाँ :

अब चलो चलें हम
नानी के गाँव
खाने को मिल जाएंगे
रस भरे आम
चखने को मिल जाएंगे
काले-काले जाम।

इस कृति के कइयों किरदार जैसे- खुशी, डुग्गू, प्राची, प्रीति, सिद्धू, आदि, शुभ इत्यादि मेरे घर-परिवार के ही बच्चे हैं, जिनका हँसता-मुस्कुराता और मस्ती भरा बचपन मैंने अपनी आँखों से देखा है। उन सभी बच्चों को एक बार फिर याद करते हुए मेरा ढेर सारा लाड़-प्यार और आशीष हैं कि वे सब इस किरदार की तरह सदा ही खुश, आबाद, सलामत और प्रसन्नचित रहें और उन्हें उनकी-अपनी मंजिल मिले।

सविनय,,, साभार,,,, सादर,,,।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
हरफनमौला साहित्य लेखन और
सुदीर्घ साहित्य सेवा के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 4 Comments · 326 Views
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