Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2024 · 1 min read

जीवन जितना होता है

जीवन जितना होता है
कोई उतना कहां जी पता है
कभी भाग्य कभी अकर्मण्यता
रोना यही रह जाता है
मन के अंतस में आशाओं का
कोई भाव है निरूत्तर रह जाता है
समय के चलते चक्रव्यूह में
कोई ठहर कहां पता है।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

महकती रहेगी मुहब्बत की ख़ुशबू
महकती रहेगी मुहब्बत की ख़ुशबू
डॉक्टर रागिनी
मुझको तुम परियों की रानी लगती हो
मुझको तुम परियों की रानी लगती हो
Dr Archana Gupta
"संक्रमण काल"
Khajan Singh Nain
खंडर इमारत
खंडर इमारत
Sakhi
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Bharati Varma Bourai
2937.*पूर्णिका*
2937.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
.
.
Amulyaa Ratan
#आस
#आस
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
Rambali Mishra
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
सूरज का ताप
सूरज का ताप
Namita Gupta
पा कर भी उदास थे, ख़ो कर भी उदास थे,
पा कर भी उदास थे, ख़ो कर भी उदास थे,
Iamalpu9492
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
प्यार मेरा तू ही तो है।
प्यार मेरा तू ही तो है।
Buddha Prakash
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
Ajit Kumar "Karn"
■ मौसम का शेर
■ मौसम का शेर
*प्रणय*
धर्म-अधर्म (Dharma-Adharma)
धर्म-अधर्म (Dharma-Adharma)
Acharya Shilak Ram
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
सबसे कठिन है
सबसे कठिन है
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हिन्दी साहित्य के सिरमौर दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / मुसाफ़िर बैठा
हिन्दी साहित्य के सिरमौर दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
यूं मुहब्बत में सब कुछ हारने वालों,
यूं मुहब्बत में सब कुछ हारने वालों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
बंध निर्बंध सब हुए,
बंध निर्बंध सब हुए,
sushil sarna
उम्र बीत गई
उम्र बीत गई
Chitra Bisht
लड़ी अवंती देश की खातिर
लड़ी अवंती देश की खातिर
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
एकाकार
एकाकार
Shashi Mahajan
" रोटी "
Dr. Kishan tandon kranti
परीक्षा का सफर
परीक्षा का सफर
पूर्वार्थ
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
Loading...