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25 Nov 2024 · 1 min read

रिश्ते खून के नहीं विश्वास के होते हैं,

रिश्ते खून के नहीं विश्वास के होते हैं,
अगर विश्वास हो तो
पराये भी अपने हो जातें है
और विश्वास ना हो तो
अपने भी पराये हो जाते है
रिश्ते भी इमारत की ही तरह होते हैं
हल्की-फुल्की दरारें नज़र आएं तो
ढ़हाइये नहीं मरम्मत कीजिए
कहते है-जिनका व्यवहार अच्छा
और दिल छु लेने वाला होता है
उनके लिए दुआएं
अपने आप निकल आती हैं
और कुछ रिश्ते
परिभाषाओं मे कैद नहीं होते
पर होते बहुत अनमोल है

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