उड़ी रे उड़ी, देखो तुम यह पतंग
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
वैज्ञानिक प्रबंधन की कहानी
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
सच
Santosh Khanna (world record holder)
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
हर किसी को नसीब नही होती ये जिंदगी।
आलसी व्यक्ति बैठे-बैठे ही स्वयं बर्बाद हो जाता है।
वो हक़ीक़त पसंद होती है ।
" LEADERSHIP OPPORTUNITY" ( ARMY MEMOIR)