Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2024 · 1 min read

29. ज़माना

ज़माना
नई बात कहकर पुराने ज़ख्म भुला दूंगा,
बात कोई बीती फिर नहीं छेड़ूंगा,
किसी चौखट पर ना जाऊंगा,
किसी आहट पर ना ठहरूंगा,
कोई घर नहीं बनाऊंगा।
बचपन की आवारा गलियों के उस बूढ़े बरगद को,
गांव से फिर ना लाऊंगा,
टूटी उस दीवार के बिखरे पड़े ईंटों को,
जिनपर बैठा करते थे दोनों नदी किनारे शाम को,
उस मुरझाए फूल को भी ना उठाऊंगा।
टीले पर जो मंदिर है उसमें बंधे घंटे को,
घर में मेरे जो झूला है जिसपर मां और हंसते दोपहर में बातों के गुच्छे होते थे,
बाबा की ऐनक और छड़ी मेज पर जो रखी होती थी,
और आंगन में हमउम्रों संग बीती सारी जो यादें हैं,
बस उनको सहेजने गठरी में मन को लिए मैं आऊंगा,
ज़माना भी यही कह रहा कब से।।

100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पत्नी की दिव्यदृष्टि
पत्नी की दिव्यदृष्टि
आकाश महेशपुरी
Become Mentally Strong
Become Mentally Strong
पूर्वार्थ देव
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
"हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए, दूसरों के भल
The World News
🚩🙏जय हनुमान🙏 🚩
🚩🙏जय हनुमान🙏 🚩
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी...
जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी...
Priya Maithil
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
शायद वो हमें, अपने दर पर ही मिल जाते।
शायद वो हमें, अपने दर पर ही मिल जाते।
श्याम सांवरा
सबक
सबक
Saraswati Bajpai
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
ചരിച്ചിടാം നേർവഴി
ചരിച്ചിടാം നേർവഴി
Heera S
अंकित
अंकित
अंकित आजाद गुप्ता
तारों की बारात में
तारों की बारात में
Suryakant Dwivedi
समय आता है
समय आता है
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
उम्मीद का दामन।
उम्मीद का दामन।
Taj Mohammad
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
आसान नहीं
आसान नहीं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
शरद जोशी (एक अनूठे व्यंग्य रचनाकार)
शरद जोशी (एक अनूठे व्यंग्य रचनाकार)
Indu Singh
जनम जनम के लिए .....
जनम जनम के लिए .....
sushil sarna
चाहती हूँ मैं
चाहती हूँ मैं
Shweta Soni
3522.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3522.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सच्चा शूरवीर
सच्चा शूरवीर
Sunny kumar kabira
नव बहूँ
नव बहूँ
Dr. Vaishali Verma
हम में,तुम में दूरी क्यू है
हम में,तुम में दूरी क्यू है
Keshav kishor Kumar
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
Rajendra Kushwaha
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...