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23 Nov 2024 · 1 min read

कविता –

हादसे यूँ ही अब नही होते
आपके जैसे सब नही होते
ख़ुद से टकराके बिखर जाता हूँ.
सामने आप जब नही होते
आप और हम कही नही होते
कुछ न होता जो रब नही होते
रास्ते यूँ तो भटकने देते नही
मोड़ उनपर भला कब नही होते
‘महज़ ‘ये रस्म बोलने का नही
वो भी है जिनके लब नही होते

Language: Hindi
2 Likes · 188 Views
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