Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2024 · 1 min read

गूंगा ज़माना बोल रहा है,

गूंगा ज़माना बोल रहा है,
मैं बहरा सुन रहा हूँ।
अंधा रास्ता दिखा रहा है,
लेकिन मैं मृत बन रहा हूँ।
यह रात नहीं है,
इन बंद आँखों से कह दो।
जो सफर शून्य से शुरू हुआ था,
वो शताब्दी पर ख़त्म हो रहा है।

बिंदेश कुमार झा।

208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बित्ता-बित्ता पानी
बित्ता-बित्ता पानी
Dr. Kishan tandon kranti
मां! बस थ्हारौ आसरौ हैं
मां! बस थ्हारौ आसरौ हैं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
राम राज्य
राम राज्य
Shashi Mahajan
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
।। यथार्थ ।।
।। यथार्थ ।।
Priyank Upadhyay
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
विजय कुमार अग्रवाल
माँ
माँ
दीपक बवेजा सरल
जितनी  ज्यादा   चाह  परिंदे।
जितनी ज्यादा चाह परिंदे।
पंकज परिंदा
*क्यों होता भयभीत है*
*क्यों होता भयभीत है*
Dushyant Kumar
জয় শিবের জয়
জয় শিবের জয়
Arghyadeep Chakraborty
संघर्ष से अनुकूल इंसान, डरता जरूर है पर हारता नहीं है।
संघर्ष से अनुकूल इंसान, डरता जरूर है पर हारता नहीं है।
manjula chauhan
The Enemies
The Enemies
Otteri Selvakumar
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
Atul "Krishn"
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
Here's to everyone who suffers in silence.
Here's to everyone who suffers in silence.
पूर्वार्थ
* चाह भीगने की *
* चाह भीगने की *
surenderpal vaidya
सहारा...
सहारा...
Naushaba Suriya
..
..
*प्रणय प्रभात*
हे कृतघ्न मानव!
हे कृतघ्न मानव!
Vishnu Prasad 'panchotiya'
पाते हैं आशीष जो,
पाते हैं आशीष जो,
sushil sarna
दिल हमारा गुनहगार नही है
दिल हमारा गुनहगार नही है
Harinarayan Tanha
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
जिसके साथ खेलकर मन भर जाए वो खिलोना नहीं है बेटी अरे स्वयं म
जिसके साथ खेलकर मन भर जाए वो खिलोना नहीं है बेटी अरे स्वयं म
Harshita Choubisa 🖊️🔥📝
तुम्हारा यूँ और तुम्हारी बस
तुम्हारा यूँ और तुम्हारी बस
ललकार भारद्वाज
इस ज़िंदगानी में
इस ज़िंदगानी में
Dr fauzia Naseem shad
क्रूर घिनौना पाप
क्रूर घिनौना पाप
RAMESH SHARMA
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
2974.*पूर्णिका*
2974.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उजालों के साए
उजालों के साए
Kanchan verma
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
Ajay Mishra
Loading...