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18 Nov 2024 · 1 min read

“मनुष्य के लिए”

“मनुष्य के लिए”

मनुष्य के लिए वास्तविकता उतना भयावह नहीं होती, जितना कि कल्पना। वजह कल्पना की उड़ान बहुत ऊँची और तेज होती है।

2 Likes · 2 Comments · 105 Views
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