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17 Nov 2024 · 1 min read

डमरू घनाक्षरी

डमरू घनाक्षरी
8 8 8 8

चमक दमक मत ,
सत कर अवगत,
छल बल मत कर,
घर कर हर मन।

वचन अटल कह,
भजन मगन रह,
हरदम रब भज,
सरल हृदय बन।।

गलत करम तज,
दहन सकल कज ,
चमक कनक सम,
बन मलय पवन।

सरस वचन कर,
जनम सफल कर,
तज कर भय सब,
नव कर चल जन।।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

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