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16 Nov 2024 · 1 min read

सजल

माथ ढूॅंढता चंदन लिख !
करे तिरंगा वंदन लिख !!

पगडंडी की सिसकी पढ़!
बाट जोहती विरहन लिख !!

प्रेम अपरिमित अनगढ़ है!
कृष्ण-राधिका बंधन लिख!!

जीवन-नेत्र छलकते हैं!
मत सपनों का कंपन लिख!!

भीड़ ढूॅंढता बचपन है!
ऑंसू की भी थिरकन लिख!!

पथराई सुधियाॅं सहमी!
ऑंखें झरती सावन लिख!!

जो शहीद बनकर लौटा!
उस माता का क्रंदन लिख!!

सब जयहिंद जवान कहें!
तू धरती का अभिनंदन लिख!!

रश्मि ‘लहर’

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