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16 Nov 2024 · 1 min read

हम बंधन में रहकर भी मुक्ति का आनंद उठा सकते हैं, बस हमें परि

हम बंधन में रहकर भी मुक्ति का आनंद उठा सकते हैं, बस हमें परिणाम को स्वीकार करना होगा। लेकिन हम रूपांतरण से भागते हैं।
~ रविकेश झा

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