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16 Nov 2024 · 1 min read

मैंने देखा है

मैंने देखा है
आसमान से टूटते तारों को,
तू अकेला नहीं है,
जो हार गया हो।
मैंने देखा है हारते हुए
सिर्फ एक को नहीं, हजारों को।

वह योद्धा नहीं हो सकता,
जो दुश्मन को देख
धरती की ओर झुक जाए।
मैंने देखा है,
अपने शरीर को दांव पर लगाकर,
दुश्मन से लड़ते हुए
भारत मां के प्यारों को।

बिंदेश कुमार झा

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