Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2024 · 1 min read

संत गुरु नानक देव जी

संत गुरु नानक देव जी

भारत बर्ष की माटी में,नानक जैंसे संत हुए
जाति धर्म सीमाओं से परे, मानवता के मंत्र दिए
एक नूर से सब जग उपजा, प्रेम शांति के संदेश दिए
एक ऊंकार सत नाम अजन्मा, एक ईश्वर के अस्तित्व दिए
न कोई छोटा बड़ा है जग में, सेवा और कर्तव्य दिए
सुगम मार्ग सत पथ पर चलने, दुनिया को संदेश दिए
सारे तीरथ किए उन्होंने,काबा काशी न भेद किए
आज जरूरत है चलने की, संतों ने जो मार्ग दिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

1 Like · 181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
दोहा त्रयी. . . . रिश्ते
दोहा त्रयी. . . . रिश्ते
Sushil Sarna
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
Suryakant Dwivedi
आपणौ धुम्बड़िया❤️
आपणौ धुम्बड़िया❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"वीर सेनानी"
Shakuntla Agarwal
कर्महीनता
कर्महीनता
Dr.Pratibha Prakash
कभी बच्चों सी जिंदगी दोबारा जी कर देखो वही लॉलीपॉप खट्टे मीठ
कभी बच्चों सी जिंदगी दोबारा जी कर देखो वही लॉलीपॉप खट्टे मीठ
Rj Anand Prajapati
कैक्टस
कैक्टस
Girija Arora
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
चौराहे पर....!
चौराहे पर....!
VEDANTA PATEL
तड़पने के लिए हर पल भले मजबूर करता है
तड़पने के लिए हर पल भले मजबूर करता है
आकाश महेशपुरी
मैं हिन्दुस्तानी !
मैं हिन्दुस्तानी !
Shyam Sundar Subramanian
जब तक था मेरे पास धन का खजाना। लगा था लोगो का आना जाना।
जब तक था मेरे पास धन का खजाना। लगा था लोगो का आना जाना।
Rj Anand Prajapati
"प्रकाशित कृति को चर्चा में लाने का एकमात्र माध्यम है- सटीक
*प्रणय प्रभात*
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
विशाल शुक्ल
"बुलबुला"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्मीद से सजे ये छोटी सी जिंदगी
उम्मीद से सजे ये छोटी सी जिंदगी
Sarla Mehta
सूरज जैसा बनना है
सूरज जैसा बनना है
Lokesh Dangi
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
फूलों सा महकना
फूलों सा महकना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सागर
सागर
विजय कुमार नामदेव
छोटी-छोटी बातों पर तुम इस तरहां
छोटी-छोटी बातों पर तुम इस तरहां
gurudeenverma198
दशहरे पर दोहे
दशहरे पर दोहे
Dr Archana Gupta
मुसाफिरखाना
मुसाफिरखाना
ओसमणी साहू 'ओश'
सबको
सबको
Rajesh vyas
तुम ही शिवानी मेरी सांस में रहती
तुम ही शिवानी मेरी सांस में रहती
कृष्णकांत गुर्जर
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
हे मन
हे मन
goutam shaw
Loading...