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14 Nov 2024 · 1 min read

*बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*

बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)
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बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान
दूर कपट-छल से रहें, करें नहीं अभिमान
करें नहीं अभिमान, जिऍं मस्ती को पीते
रखें न ईर्ष्या-द्वेष, देख औरों को जीते
कहते रवि कविराय, बना दो मन के सच्चे
चिंताओं से मुक्त, हमें निर्लोभी बच्चे

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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