Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2024 · 1 min read

उजले कारों से उतर फूलों पर चलते हों

उजले कारों से उतर फूलों पर चलते हों
ज़ालिम खुद हो और इनको मसलते हों

-केशव

121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अरे योगी तूने क्या किया ?
अरे योगी तूने क्या किया ?
Mukta Rashmi
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
Rambali Mishra
shikshak divas **शिक्षक दिवस **
shikshak divas **शिक्षक दिवस **
Dr Mukesh 'Aseemit'
👍
👍
*प्रणय प्रभात*
I was happy
I was happy
VINOD CHAUHAN
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
Rj Anand Prajapati
दोस्त बताती थी| वो अब block कर गई है|
दोस्त बताती थी| वो अब block कर गई है|
Nitesh Chauhan
इश्क के हौसलों को आजमाए जाते थे
इश्क के हौसलों को आजमाए जाते थे
Shweta Soni
मुसलमान होना गुनाह
मुसलमान होना गुनाह
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विजया घनाक्षरी
विजया घनाक्षरी
seema sharma
तेरा
तेरा "आप" से "तुम" तक आना यक़ीनन बड़ी बात है।
शशि "मंजुलाहृदय"
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खड़ा रहा बरसात में ,
खड़ा रहा बरसात में ,
sushil sarna
हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान
Sunil Maheshwari
हम जीवन में
हम जीवन में
Santosh Shrivastava
खामोश से रहते हैं
खामोश से रहते हैं
Chitra Bisht
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
इशरत हिदायत ख़ान
युग अन्त
युग अन्त
Ravi Shukla
भारत के युवाओं के भविष्य को बनाना है तो
भारत के युवाओं के भविष्य को बनाना है तो
ARVIND KUMAR GIRI
हम सभी नक्षत्रों को मानते हैं।
हम सभी नक्षत्रों को मानते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
हम ज़िंदा कब थे ?
हम ज़िंदा कब थे ?
Shriyansh Gupta
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
DrLakshman Jha Parimal
मौत पर तो यक़ीन है लेकिन ।
मौत पर तो यक़ीन है लेकिन ।
Dr fauzia Naseem shad
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
मुझे अपने ही किरदार का इम्तिहान लेने दो।
मुझे अपने ही किरदार का इम्तिहान लेने दो।
Madhu Gupta "अपराजिता"
अम्बेडकर से घृणा क्यों
अम्बेडकर से घृणा क्यों
Mangu singh
Loading...