Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Nov 2024 · 1 min read

रूस्वा -ए- ख़ल्क की खातिर हम जज़्ब किये जाते हैं ,

रूस्वा -ए- ख़ल्क की खातिर हम जज़्ब किये जाते हैं,
होठों को सी कर अश्कों को भी पी जाते हैं ,
दिल में उठते तूफान हमेशा सालते रहते है ,
तन्हाई में भरे जज़्बात जी भर रोने को मचलते हैं।

Loading...