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12 Nov 2024 · 1 min read

……देवत्थनी एकदशी…..

सखी री मंगल गाओ आज ,
एकादशी मेरे हरि की प्यारी,
आई उन्हे उठाने आज।
सखी री मंगल गाओ आज।

आज उठेगें देव नींद से।
सबके पूरण करेंगे काज,
सखी रईस मंगल गाओ आज…

चंदन की चौकी के उपर,
सुंदर चौक पुराना।
मिट्टी का एक कलश मंगाकर,
अपने हांथो से सजाना।
पान सुपाड़ी हांथ लेकर ,
करना प्रभू का आवाह्न ।

सखी री मंगल गाओ आज…

सृष्टि का संचालन जैसे ,
हांथ में अपने थामा।
ढोल नगाड़े के संग संग
शहनाई का नाद भी बाजा ।
ऋषि मुनियों ने शंख नाद कर,
व्यक्त किया आभार।

सखी रईस मंगल गाओ आज….

भांति के पकवानों से ,
थाल हैं देखो सजने लगे ।
गन्ना,सिघाड़ा, मेवा मिठाई,
ऋतुफल का भोग है लगने लगा।
स्वागत मे ऋतुराज खड़े हैं,
जोड़ के दोनों हांथ

सखी री मंगल गाओ आज…..

रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 159 Views
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