Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2024 · 1 min read

जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं

जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
आने वाले कल को जान नहीं पाते हैं
हम स्वयं को समय पर पहचान नहीं पाते हैं
इसीलिए हम कभी आज के हो नहीं पाते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे

2 Likes · 100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
View all

You may also like these posts

बांध प्रीत की डोर...
बांध प्रीत की डोर...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
पोती
पोती
Sudhir srivastava
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
Jogendar singh
प्रेरक गीत
प्रेरक गीत
Saraswati Bajpai
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
Shreedhar
वक्त से गुजारिश
वक्त से गुजारिश
ओनिका सेतिया 'अनु '
" गलत "
Dr. Kishan tandon kranti
मतदान
मतदान
Aruna Dogra Sharma
जीवन की निरंतरता
जीवन की निरंतरता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
पूर्वार्थ
जय श्री गणेशा
जय श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"कोयल की कूक"
राकेश चौरसिया
Ghzal
Ghzal
AJAY PRASAD
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
4650.*पूर्णिका*
4650.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
..
..
*प्रणय प्रभात*
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
Keshav kishor Kumar
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला  गुजरता अनेक गलियों से ,
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला गुजरता अनेक गलियों से ,
Neeraj kumar Soni
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
Dr fauzia Naseem shad
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
नतीजों को सलाम
नतीजों को सलाम
Sunil Maheshwari
Loading...