آپس میں نفرتوں کا ویسا ہی سلسلہ ہے
हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प
If you don't make the time to work on creating the life you
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
प्रकृति से हमें जो भी मिला है हमनें पूजा है
बारिश ने क्या धूम मचाया !
#लापरवाही और सजगता का महत्व
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
नव संवत्सर की बधाई शुभकामनाएं 🙏 🙏 🎉 🎉
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
ज़मीन छोड़ती है न , पानी में जाने की चाहत,
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सिंहपर्णी का फूल
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh