Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2024 · 1 min read

कुछ सवालात

कितना उलझाओगे ख़ुद को
ज़ंजीर -ए -रिवायात में ,
कुछ सवालात कौंधते रह जाएंगे
परदा- ए- ज़ेहन में ,

अंधेरे न छटेंगे हर क़दम
आग़ाज़ -ए-सहर के उजालों में ,
ये उम्र गुज़र जाएगी
सवालात के ज़वाब की जुस्तुजू में ,

शु’आ -ए- उम्मीद रफ्ता- रफ्ता,
जलती- बुझती रहेगी ,
ज़ब्त- ए – एहसास लिये ज़िंदगी,
यूँ ही गुज़रती रहेगी।

Language: Hindi
204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*दुलहिन परिक्रमा*
*दुलहिन परिक्रमा*
मनोज कर्ण
........?
........?
शेखर सिंह
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
सलाम
सलाम
Dr.S.P. Gautam
फूल
फूल
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
Phool gufran
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब  एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
ललकार भारद्वाज
माँ बाप को परखने की गलती नहीं करना
माँ बाप को परखने की गलती नहीं करना
Shweta Soni
3871.💐 *पूर्णिका* 💐
3871.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भाषा
भाषा
Shashi Mahajan
Nanoparticles: Revolutionising Technology and Shaping the Future
Nanoparticles: Revolutionising Technology and Shaping the Future
Shyam Sundar Subramanian
स्कूली शिक्षा: ऊँची फीस, गिरती गुणवत्ता
स्कूली शिक्षा: ऊँची फीस, गिरती गुणवत्ता
अरशद रसूल बदायूंनी
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
Ravikesh Jha
सवैया
सवैया
Rambali Mishra
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
"नजरे"
Shakuntla Agarwal
ये सोच कर ही
ये सोच कर ही
हिमांशु Kulshrestha
स्त्री
स्त्री
Shinde Poonam
"कितनी नादान है दिल"
राकेश चौरसिया
बहनें
बहनें
krupa Kadam
मेरे पास कुछ भी नहीं
मेरे पास कुछ भी नहीं
Jyoti Roshni
भारतीय संस्कृति और नैतिकता
भारतीय संस्कृति और नैतिकता
Mukesh sharma
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
संवेदना
संवेदना
Karuna Bhalla
*तू कोशिश तो कर*
*तू कोशिश तो कर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तो फिर मैं क्यों सोचूं ऐसा तेरे बारे में
तो फिर मैं क्यों सोचूं ऐसा तेरे बारे में
gurudeenverma198
मेरा कहा / मुसाफिर बैठा
मेरा कहा / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
★ शुभ-वंदन ★
★ शुभ-वंदन ★
*प्रणय प्रभात*
मुख मंडल पर प्रेम का,
मुख मंडल पर प्रेम का,
sushil sarna
Loading...