Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2024 · 1 min read

विश्वासघात/धोखा

विश्वासघात/धोखा
छीन लेता है आत्मविश्वास
और दे जाता है असहनीय पीड़ा,
अवसाद,घुटन,बेइन्तहा दर्द।
-लक्ष्मी सिंह

1 Like · 2 Comments · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
अनाथों सी खूंँटियांँ
अनाथों सी खूंँटियांँ
Akash Agam
इतनी सी बस दुआ है
इतनी सी बस दुआ है
Dr fauzia Naseem shad
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Mahender Singh
The Unknown Road.
The Unknown Road.
Manisha Manjari
" पैगाम "
Dr. Kishan tandon kranti
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
Dhirendra Singh
लख-लख बधाई
लख-लख बधाई
*प्रणय प्रभात*
पेड़ से कौन बाते करता है ?
पेड़ से कौन बाते करता है ?
Buddha Prakash
सियासी खाल
सियासी खाल
RAMESH SHARMA
भगवान कल्कि का सम्बंध किस नदी से है?
भगवान कल्कि का सम्बंध किस नदी से है?
गुमनाम 'बाबा'
आ जाये मधुमास प्रिय
आ जाये मधुमास प्रिय
Satish Srijan
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
Diwakar Mahto
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
दीपक बवेजा सरल
सर का कट जाना बेहतर है,
सर का कट जाना बेहतर है,
Keshav kishor Kumar
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Kumar Agarwal
Every today has its tomorrow
Every today has its tomorrow
Dr Archana Gupta
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
Ravi Prakash
**जिंदगी रेत का ढेर है**
**जिंदगी रेत का ढेर है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पत्नी होना भी आसान नहीं,
पत्नी होना भी आसान नहीं,
लक्ष्मी सिंह
चाहे जिसको नोचते,
चाहे जिसको नोचते,
sushil sarna
*** हम दो राही....!!! ***
*** हम दो राही....!!! ***
VEDANTA PATEL
3741.💐 *पूर्णिका* 💐
3741.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
शेखर सिंह
आवाज़
आवाज़
Adha Deshwal
रुदंन करता पेड़
रुदंन करता पेड़
Dr. Mulla Adam Ali
Loading...