जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
जीनो दो मुझे अपने वसूलों पर
इस ज़माने में, ऐसे भी लोग हमने देखे हैं।
तन्हा रात तन्हा हम और तन्हा तुम
हमें सकारात्मक और नकारात्मक के बीच संबंध मजबूत करना होगा, तभ
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
जिनको तुम जीवन में सफल देखते हो, ये वही लोग है जो प्रेम के ब
बाल दिवस " वही शिक्षक कहाता है"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मुरधर मांय रैहवणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह