अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
लोग हक़ीक़त पसंद नहीं करते ।
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
🍀 *गुरु चरणों की धूल*🍀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"जब तक सच में नहीं आती ll
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
राजनीति की पी रहे, सारे अगर शराब.
अंदर तेरे शक्ति अगर गंभीर है
क्या बुरा है जिन्दगी में,चल तो रही हैं ।
शायद मेरी सदा उसके दिल में उतर
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
*श्रद्धेय रामप्रकाश जी की जीवनी मार्गदर्शन है (प्रसिद्ध कवि
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD