Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
8 Nov 2024 · 1 min read

#प्रसंगवश-

#प्रसंगवश-
■ हर दिन की है अलग कहानी।
【प्रणय प्रभात】
तारीख़ 08 नवम्बर। अंग्रेज़ी कैलेंडर की एक तिथि। हर तिथि की अपनी एक कहानी। हर तारीख़ में छिपी एक तवारीख़। आसानी से न भूलने वाली। किसी की जन्मतिथि तो किसी की पुण्यतिथि। दोनों का अपना एक अलग महत्व। दृष्टि अपनी, दृष्टिकोण अपने और बात-बात में उपजती बात।
कभी दो कौड़ी की तो कभी लाख टके की। हर बात में एक सवाल। किसी के पीछे जिज्ञासा तो किसी के पीछे मलाल। बस, इसी पर है आज की बात, आपके साथ। एक और तारीख़ पर, जो एक बार फिर गुज़र गई चुपचाप। हवा के एक झोंके की तरह। उस तवारीख़ पर से वक़्त की धूल हटा कर, जो कभी केंद्र में थी। आज हाशिए पर है। कोशिश है एक दिन के दो पहलुओं को सामने लाने की।
ग़ौर फ़रमाइएगा इस भूमिका रूपी टिप्पणी से पहले आज की दो अलग-अलग पोस्ट्स पर। जो क्रमशः पूर्व गृह मंत्री मान. श्री लालकृष्ण जी आडवाणी और नोटबन्दी पर केंद्रित हैं। मज़े की बात यह है कि आज की बात का उपसंहार पहले हो गया और प्रस्तावना अब हो रही है। हो जाती है ऐसी बड़ी ग़लती, हम जैसे छोटे शहर के अदने लोगों से।।
😊😊😊😊😊😊😊😊
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

Loading...