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6 Nov 2024 · 1 min read

खोखले शब्द

खुदा तू भी, बातें तो बड़ी अच्छी करता है,
फिर भी मुझे मेरी क़िस्मत पर छोड़ देता है l

मुझको बचा लेगा, इस आस से आया था तेरे पास ,
मेरा फ़ैसला, तू मेरे दुश्मनों पर छोड़ देता है ।

एक सकूँ तलाशने आ गया था तेरे पास,
तू फिर दोबारा मुझे चौराहे पर छोड़ देता है l

कोई साथ नहीं देता पार दरिया करने तक ,
जो भी मिलता है, बीच मंझधार में छोड़ देता है ।

जो भी आया जिंदगी में ,तन्हाई बढ़ाकर गया
“सागरी” हर तजुर्बा नया ज़ख्म छोड़ देता है ।।

डा राजीव “सागरी “

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