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6 Nov 2024 · 1 min read

भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज

भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा

भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा, याद तेरी बस आई
श्याम तेरे दरबार में आकर, भक्त नें जोत जलाई ।

ठोकर खाकर दर-दर मैने, खुद को आज संभाला
भक्ति भाव हैं कमजोरी मुझे, सबने घर से निकाला
वैर- द्वेष नहीं मन में मेरे, मूर्त तेरी समाई
श्याम तेरे दरबार में आकर, भक्त नें जोत जलाई ।

धन-दौलत की चाह नहीं थी, तुझ में ध्यान लगाया
श्याम तेरी भक्ति की खातिर, मैने जीवन पाया
रटते- रटते नाम तेरा मैंने , तेरी महिमा गाई
श्याम तेरे दरबार में आकर, भक्त नें जोत जलाई ।

हारे का बाबा तू सहारा , नैया पार लगा देना
बिछड़े मेरे अपने मुझसे, उनको फिर से मिला देना
अरविन्द लिखता कलम से अपनी,महिमा जिसकी छाई
श्याम तेरे दरबार में आकर, भक्त नें जोत जलाई ।
© अरविन्द भारद्वाज

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